मेरे दिलबर-रहनुमा...
जब एहसासों को ज़बाँ न मिले तो
शायरी बन जाती है,
लफ़्ज़ों को ओढ़ कर
तेरे इश्क़ की डायरी बन...
शायरी बन जाती है,
लफ़्ज़ों को ओढ़ कर
तेरे इश्क़ की डायरी बन...