...

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तुम किसको सताओगी
कभी इसके लिए
तो कभी उसके लिए
न जाने उसने मुझे कितनो के लिए
रुलाया हैं ,,,

कभी अपनी बातों से
तो कभी अपनी नजरअंदाज से
तो फिर कभी ज़ख़्म देकर
उसने मुझे पल पल मरने के लिए
न जाने कितनी तरसाया हैं ,,

खैर जाने दो
तेरे दिए जख्मों पर तुझे ही मरहम बनाकर
हर रोज सहकर तुझे सताएंगे
जितना परेशान करना
जितना दर्द देना दे दो
एक दिन ऐसा भी आएगा
मेरे सब्र के बांध टूट जाएगा
तुम जीत कर भी मुझसे हार जाओगी
उस के बाद तुम किसको सताओगे ,,


💔💛🖤