ईन्सान ....
खुशी के साथ मे घम का पहरा है,
हर दिल यहाँ तन्हा,
हर ईन्सान अकेला है,
अपनो के बीच ऐसा अकेला है,
कि घैरो में अपनो को खोजता है,
अपनो से पास होकर भी दूर,
तन्हा ये रोता है,
घैरो...
हर दिल यहाँ तन्हा,
हर ईन्सान अकेला है,
अपनो के बीच ऐसा अकेला है,
कि घैरो में अपनो को खोजता है,
अपनो से पास होकर भी दूर,
तन्हा ये रोता है,
घैरो...