...

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मेरे जीवन का आधार 🧿
न तुमसे प्यार, न तुमसे इंकार
न इकरार,न कोई क़रार
शुरुआत के आधार हो तुम. अंत को करते निराधार हो तुम
जीवन संरचन क्रिया का मूलमंत्र हो !
मेरे जीवन उदेश्य का एकमात्र तंत्र हो ,
मेरे जीवन का आधार हो तुम ,
मानव कल्याण हेतु किए बलिदान हो तुम ,
मेरे लिए कर्म हो मेरे ,
दूजे के लिए पराक्रम हो तुम !
कहने को तो मेरा काम हो तुम ,
मेरे जीवन की अमूल्य पहचान हो तुम !
© meetali