...

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काल्पनिक प्यार
मेरी खुशियाँ तुम ही हो
मेरी मुस्कुराहट तुम ही हो ,
तू है तो ये दुनिया हैं रंगीन
साथ है बारिश की बूंदों में संगीत |

तेरे बिना क्या होगा
ये सोचना भी मुझे गवारा नहीं ,
तू जहाँ -जहाँ होगी
मेरी आशियाना सजेगी वहीं |

तेरे साये में मुझे सुकून मिलता
तेरे हर शब्द ,वाक्य में स्नेह धुन ढूंढ़ता ,
तेरे लिए ही मैंने उठायी थी कलम
बिन तेरे अब दुनिया बेरंगीन लगता |

© अविनाश कुमार साह
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