...

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कुछ बदल गया
वही घर है
वही दीवारें भी
वही सावन है,
वही टपकती छत भी
वही हवा का झोंका है,
वही मिट्टी की महक भी
वही सतरंगी आसमां है
वही गढ्ढो में बहती कस्ती भी
वही घुघरू की आवाज है
वही कोयल की राग भी
वही आंखो में सपने है
वही डगमगाते कदम भी
वही मां की डांट हैं
वही दादी का आंचल भी
सब कुछ वही है
मगर कुछ बदला भी………….
#somelost #childhood #life #time

© sakhi