जीना चाहती हूं!
खुली हवा में सांस लेना चाहती हूं!
गिर कर फिर से उठना चाहती हूं!
टूटी हूं पर फिर से जुड़ना चाहती हूं!
सपने कई है आंखों में मेरे उन्हें हकीक़त
में लाना चाहती हूं!
ज़मी से जुड़े रह कर आसमान...
गिर कर फिर से उठना चाहती हूं!
टूटी हूं पर फिर से जुड़ना चाहती हूं!
सपने कई है आंखों में मेरे उन्हें हकीक़त
में लाना चाहती हूं!
ज़मी से जुड़े रह कर आसमान...