भूल जाना ही बेहतर है । – Updated
कहनी थी बहुत सी बाते
पर दिल ने इनकार किया..
दर्द बहुत छुपा रखा था
पर आज जुबां का, खुल जाना ही बेहतर है।
तेरी मोहब्बत, तेरी हर याद को
साथ में की थी रब से, हर उस फरियाद को
तुझसे हुई हर एक मुलाकात को,
भूल जाना ही बेहतर है.......।।
छोड़कर तेरी गलियों को
अनजान भीड़ में, घुल जाना ही बेहतर है..
दिल में जो तेरा प्यार था,
तुमसे जुड़े हर जज़्बात को
भूल जाना ही बेहतर है.....।
यूं तेरा मेरी बातों पर...
पर दिल ने इनकार किया..
दर्द बहुत छुपा रखा था
पर आज जुबां का, खुल जाना ही बेहतर है।
तेरी मोहब्बत, तेरी हर याद को
साथ में की थी रब से, हर उस फरियाद को
तुझसे हुई हर एक मुलाकात को,
भूल जाना ही बेहतर है.......।।
छोड़कर तेरी गलियों को
अनजान भीड़ में, घुल जाना ही बेहतर है..
दिल में जो तेरा प्यार था,
तुमसे जुड़े हर जज़्बात को
भूल जाना ही बेहतर है.....।
यूं तेरा मेरी बातों पर...