...

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बेबसी और मायूसी
बेबसी और मायूसी।
तन्हाई और ख़ामोशी।
ऐ गमे-हयात बता मुझे
कब तक रहेगी उदासी।

ज़िन्दगी में कभी न खिली।
हँसीन चाहत की कली।
आरज़ू तो इस दिल मे भी है
बाहों में हो कोई मनचली।

© ओशिर

#poems #Love&love #Feelings @OshirOfficial @Writco

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