...

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और मुझसे पुछता है वह .........!
मुझसे पुछता है वह ,
क्यो पसंत करती हो मुझे,
ऐसा क्या है मुझमे,
जो तुम इतना चाहती हो मुझे ।
उसे क्या पता क्या क्या है उसमे,
किसी जिंदा लाश में,
फिर से उम्मीद‌ जगाने की
ताकद है उसमे।
जिस की हंसी
कही खो गई हो
उसके होठों पर फिर से,
मुस्कुराहट लाने‌ की ताकद है उसमें।
जो कोई‌ नही जोड सकता
उस तुटे हुये दिल को ,
बडे आसानी से ,
फिर से जोडने‌ की ताकद है उसमें ।
जो प्यार पर भरोसा नहीं करते
उन्हे प्यार के सहीं मायने सिखाकर
फिरसे‌ प्यार के रास्ते पर ,
चलना सिखाने की ताकद है उसमें।
किसी हारे हुये को ,
फिर से उडना सिखाने की ताकद है उसमें ।
और वह‌ मुझे पुछता है की ,
क्या है‌ मुझमें
© sakshi