...

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ख्वाब
थके हारे जब पहुंचे चाय की टपरी पर
वो सामने से गुज़री कुछ इस कदर
की न दिल धड़का न पांव हिले
कुछ तो बात हुई जब नैनो से नैन मिले।

वो बैठे रहे सामने हमारे
चुस्की वो चाय की भरते रहे
ना हम कुछ बोले ना वो
बस नैनो से नैन मिलते रहे।

बातें तो खूब हुई बिना कुछ बोले भी
शांति थी उनकी आंखों में
और सुकून था हमारी में
वक्त जब हुआ जाने का
तो वक्त था हमारा ख्वाब से जागने का....
© sharma