...

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आज भी
तुम तो देखते हो आइने में सुरत अपनी हर रोज,
पर मन में तेरे बसी,
मेरी मूरत आज भी है।
तुमने पाया तो है बहोत कुछ जिंदगी में,
पर मुझे खोने का गम़,
चेहरे पर तेरे झलकता आज भी है।
दुरियां चाहें लाख हो तेरे मेरे दरमियां,
पर तुम्हे पाने का ख़्वाब,
जिंदा मेरे मन में आज भी है।
रोकोगे कब तक मेरी ओर,
बढ़ते हुये कदमों को अपने,
तेरी साँसों में मेरी खुशबू का अहसास आज भी है।


- शिवाजी