औकात
फ़लक से तारे,
बेशक न तोड़ पाऊं,
जंगल से कुछ जुगनू,
ज़रूर पकड़ लाऊंगा,
बादशाह नहीं हूं,
जो बनवा दूं ताजमहल,
प्यार सच्चा है पर,
औकात में निभाऊंगा।
- राजेश वर्मा
© All Rights Reserved
बेशक न तोड़ पाऊं,
जंगल से कुछ जुगनू,
ज़रूर पकड़ लाऊंगा,
बादशाह नहीं हूं,
जो बनवा दूं ताजमहल,
प्यार सच्चा है पर,
औकात में निभाऊंगा।
- राजेश वर्मा
© All Rights Reserved