...

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वो आएगा
दिन गुज़र गया रात भी ढल गई
वादा था आज आने का पर बात कल पे टल गई

सोचा था आज बस प्यार की बात होगी
फिर से दिल दुखाने वाली ना तकरार होगी

सारी बातें जो बतानी थी उसे
किस तरह गुज़रा ये पल सुनाना था उसे

फिर इंतज़ार करते करते शाम हो गई
टेबल पर रखी चाय भी अब ठंडी हो चुकी
आस पास रखी कुर्सी भी खाली हो गई

पर ना वो आया ना कोई उसका कोई पैगाम आया
मै भी थक चुका था इसलिए वापस लौट आया

पर फिर भी दिल को एक उम्मीद सी है वो आएगा
हो सकता है आज की तरह कल दिल ना दुखायेगा
© zehraan ali