ये कौन है
अगर कोई तुमसे पूछे..
ये कौन है..
तो कहना यूँ तो मुझको ज्ञात नहीं,
महसूस हो सके ऐसी वो जज़्बात नहीं।।
..
फिर कहना बहुत आम है वो,
मगर सीरत से धनवान है वो।
जो दूर होकर भी लगती पास है,
जिसमें माँ का मीठा एहसास है।।
जो खुद सुलझी मगर बहुत सवाली है,
जिसके बिन शहर भी लगता खाली है।
जो लाखों बहानो में सच को ओढ़े है,
जो आँचल की गाँठ...
ये कौन है..
तो कहना यूँ तो मुझको ज्ञात नहीं,
महसूस हो सके ऐसी वो जज़्बात नहीं।।
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फिर कहना बहुत आम है वो,
मगर सीरत से धनवान है वो।
जो दूर होकर भी लगती पास है,
जिसमें माँ का मीठा एहसास है।।
जो खुद सुलझी मगर बहुत सवाली है,
जिसके बिन शहर भी लगता खाली है।
जो लाखों बहानो में सच को ओढ़े है,
जो आँचल की गाँठ...