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मुझे तू मुझसे पूरा करता है
मुझे तू मुझसे पूरा करता है
मेरे हर भाव में तू ही झलकता है
सुबह की धूप और रात चांदनी सा मुझमें चमकता है
मेरी हर अधूरी इच्छा की पूर्ति तू लगता है
मुझे तू मुझसे पूरा करता है
रोज़ मुझमें कुछ कर गुजरने की इच्छा भरता है
अनजाने ही सही मुझमें साहस तू भरता है
प्रेम को मेरे पूर्णता से तू भरता है
हर रोज बेहतर बनने की प्रेरणा मुझमें भरता है
मुझे तू मुझसे पूरा करता है।
मेरे हर भाव में तू ही झलकता है
सुबह की धूप और रात चांदनी सा मुझमें चमकता है
मेरी हर अधूरी इच्छा की पूर्ति तू लगता है
मुझे तू मुझसे पूरा करता है
रोज़ मुझमें कुछ कर गुजरने की इच्छा भरता है
अनजाने ही सही मुझमें साहस तू भरता है
प्रेम को मेरे पूर्णता से तू भरता है
हर रोज बेहतर बनने की प्रेरणा मुझमें भरता है
मुझे तू मुझसे पूरा करता है।
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