जहरीला पानी
हे मानव! तू इतना स्वार्थी कैसे हो गया,
लालच में फंसकर नित्य जीवन के आधार को ही मिटा रहा।
फैक्टरियों के कूड़े-कर्कट को पानी में डालकर,
तू पानी...
लालच में फंसकर नित्य जीवन के आधार को ही मिटा रहा।
फैक्टरियों के कूड़े-कर्कट को पानी में डालकर,
तू पानी...