सूर्यनमस्कार क्यों करें ?
सूर्य-नमस्कार के नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्फूर्ति की वृद्धि के साथ विचारशक्ति और स्मरणशक्ति भी तीव्र होती है। इसके अन्य कई लाभ हैं जो निम्नलिखित हैं :
सभी महत्त्वपूर्ण अवयवोंमें रक्तसंचार बढता है।
सूर्य नमस्कार से विटामिन-डी मिलता है जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं।
आँखों की रोशनी बढती है।
शरीर में खून का प्रवाह तेज होता है जिससे ब्लड प्रेशर की बीमारी में आराम मिलता है।
सूर्य नमस्कार का असर दिमाग पर पडता है और दिमाग ठंडा रहता है।
पेटके पासकी वसा (चरबी) घटकर भार मात्रा (वजन) कम होती है जिससे मोटे लोगों के वजन को कम करने में यह बहुत ही मददगार होता है।
बालों को सफेद होने झड़ने व रूसी से बचाता है।
क्रोध पर काबू रखने में मददगार होता है।
कमर लचीली होती है और रीढ की हडडी मजबूत होती है।
त्वचा रोग होने की संभावना समाप्त हो जाती है।
हृदय व फेफडोंकी कार्यक्षमता बढती है।
बाहें व कमरके स्नायु बलवान हो जाते हैं ।
कशेरुक व कमर लचीली बनती है।
पचनक्रियामें सुधार होता है।
मनकी एकाग्रता बढती है।
यह शरीर...
सभी महत्त्वपूर्ण अवयवोंमें रक्तसंचार बढता है।
सूर्य नमस्कार से विटामिन-डी मिलता है जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं।
आँखों की रोशनी बढती है।
शरीर में खून का प्रवाह तेज होता है जिससे ब्लड प्रेशर की बीमारी में आराम मिलता है।
सूर्य नमस्कार का असर दिमाग पर पडता है और दिमाग ठंडा रहता है।
पेटके पासकी वसा (चरबी) घटकर भार मात्रा (वजन) कम होती है जिससे मोटे लोगों के वजन को कम करने में यह बहुत ही मददगार होता है।
बालों को सफेद होने झड़ने व रूसी से बचाता है।
क्रोध पर काबू रखने में मददगार होता है।
कमर लचीली होती है और रीढ की हडडी मजबूत होती है।
त्वचा रोग होने की संभावना समाप्त हो जाती है।
हृदय व फेफडोंकी कार्यक्षमता बढती है।
बाहें व कमरके स्नायु बलवान हो जाते हैं ।
कशेरुक व कमर लचीली बनती है।
पचनक्रियामें सुधार होता है।
मनकी एकाग्रता बढती है।
यह शरीर...