मेरा ईश्क
तुम्हारे बगैर ही,
ज्यादा अच्छा है मेरा ईश्क।
क्योंकि...
यहाँ डर नहीं किसी बात का...
तुम्हारे रूठने का, या छूटने का...
यहाँ तो मैं हुँ और है बस मेरा ही...
ज्यादा अच्छा है मेरा ईश्क।
क्योंकि...
यहाँ डर नहीं किसी बात का...
तुम्हारे रूठने का, या छूटने का...
यहाँ तो मैं हुँ और है बस मेरा ही...