जिससे करता था इश्क वो किसी और की नूर है 🔥
जिससे करता था मैं इश्क़ सच्चा वो अब किसी और की नूर है..
भुला दे उसकी यादें जो तुझे हर रोज़ सता रही है
तेरी महबूब किसी और का महल सजा रही है
माना तू करता था प्यार उससे दिलो जान से
पर अब वो किसी और की जान है
देर रात तू क्यों जागता उसकी याद मे तेरी तो अब उसे फ़िक्र नहीं
अब उसकी बातो में तेरा...
भुला दे उसकी यादें जो तुझे हर रोज़ सता रही है
तेरी महबूब किसी और का महल सजा रही है
माना तू करता था प्यार उससे दिलो जान से
पर अब वो किसी और की जान है
देर रात तू क्यों जागता उसकी याद मे तेरी तो अब उसे फ़िक्र नहीं
अब उसकी बातो में तेरा...