...

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बहाने से
तुम दूर गई हो इक जमाने से
चली आओ किसी बहाने से
एक मुददत से खामोश हूं
दिल बहलता नहीं किसी के
बहलाने से

फूलों ने भी खिलना छोड़ दिया है
वो भी मुरझा गए है तेरे जाने से
मुझे उम्मीद है तू मिल जायेगी
दिल कहीं और लगता भी नहीं
लगाने से

तेरे इंतज़ार में ज़िंदगी का सफ़र गुज़र रहा है
तेरी मुस्कान भूल नहीं सकता
भूलाने से
दिल में दीये जल उठते है
तुम्हारी याद आने से
मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हूं
तू चली किसी बहाने से।