...

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इश्क़ है...💜
धूप जो आएं सिर पे तो ठंडी सी छाँव में है इश्क़
दर्द जो हो कई बार पर बदन के हर घाव में है इश्क़
होंठों की लाली में है इश्क़ चाय की प्याली में है इश्क़
बड़े से झुमके में है तो छोटी सी बाली में भी है इश्क़
मेरे इश्क़ करने में है इश्क़ बहते से झरने में है इश्क़
साँस लेना भी है इश्क़ जीना मरना भी है इश्क़
बात करने में है इश्क़ और बात न करने में भी है इश्क़
मनाने में तो ख़ैर है ही पर रूठ जाने में भी है इश्क़
उसकी क़व्वाली में है इश्क़ तो तेरे गीत में भी है इश्क़
मेरी हार में है इश्क़ तो उसकी जीत में भी है इश्क़
जितना प्यास में है इश्क़ उतना बूंद-बूंद जल में भी है इश्क़
सारी उम्र बीत जाती है हर पल में है इश्क़
अल्लाह की नमाज़ में है इश्क़ तो ईश्वर की पूजा में है इश्क़
इश्क़ के लिए कुछ ज़रूरी नहीं
अगर वो नहीं है तो मैं हूँ इश्क़