मसरूफ
जो बंधन था अब टूट चुका हैं
अब फिर से हम अनजान बन चुके हैं
अब फिर से हम अपने अपने...
अब फिर से हम अनजान बन चुके हैं
अब फिर से हम अपने अपने...