नदी न होती
होती हैं कश्तियाँ अकेली
नदी नहीं होती,
गर चलती पतवार के सहारे
हिमशिख से ना बही होती,
हवाएं उठती हैं...
नदी नहीं होती,
गर चलती पतवार के सहारे
हिमशिख से ना बही होती,
हवाएं उठती हैं...