...

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हमसफ़र
जिंदगी में चलते चलते
फिसल जाय अगर हम
हाथ बढ़ाकर थाम लेना
बन जाना मेरा हमसफ़र।
साथ में कोई स्वार्थ न हो
हमसे कोई आहत न हो
गैरों की पीड़ा को लेकर
बन जाय हम हमसफ़र।


आघातों से जब टूट जाय हम ,
सामर्थ न हो आगे चलने की
स्नेह की पट्टी बांध देना तुम,
बन जाना मेरा हमसफ़र।
कसम खाना आगे बढ़ने की
चाहे रास्ता बहुत कंटीला हो,
साथ न छोड़ना बीच में मेरी
बन जाना मेरा हमसफ़र।