मासूम सा ख़्याल - Meri Tuk Tuk
मासूम सा ख़्याल
बचपन से ही शैतान है
ढेरो ख्वाइशों से गिरी वो
बस्ती सबकी जान उसमें
नन्हें पांव से सब और चली वो
बाप के प्यार को तरसे
मां को एक पल न छोड़े वो
आंखों में उम्मीद की चमक लिए
छोटी सी...
बचपन से ही शैतान है
ढेरो ख्वाइशों से गिरी वो
बस्ती सबकी जान उसमें
नन्हें पांव से सब और चली वो
बाप के प्यार को तरसे
मां को एक पल न छोड़े वो
आंखों में उम्मीद की चमक लिए
छोटी सी...