तुम सच में हो बहुत खास मेरे
सुनो न
तुम न सच में हो बहुत खास मेरे
नहीं है तुम जैसा कोई भी पास मेरे।
दूर रहतें हैं मुझ्से अब सारे गम मेरे
जब से आये हो तुम दिल को रास मेरे।
सुनो न
तुम न सच में हो बहुत खास मेरे
न तुमसे मैं कोई बात बताती हूँ
और न तुम्हें कभी कोई किस्सा सुनाती हूँ
फिर भी मेरी आँखो...
तुम न सच में हो बहुत खास मेरे
नहीं है तुम जैसा कोई भी पास मेरे।
दूर रहतें हैं मुझ्से अब सारे गम मेरे
जब से आये हो तुम दिल को रास मेरे।
सुनो न
तुम न सच में हो बहुत खास मेरे
न तुमसे मैं कोई बात बताती हूँ
और न तुम्हें कभी कोई किस्सा सुनाती हूँ
फिर भी मेरी आँखो...