...

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आत्मविश्वास ....!!

होती रही है गम से कई बार मुलाकात मेरी , वह पल मुझे बड़ा मजेदार लगता है......

कसूर नहीं है उसका , हा है मेरा वक्त थोड़ा बेवफाह , पर फिर भी वह मुझे वफादार लगता है .....

बड़ी बेरहम है मेरी अदाएं भी यह खामोशी ,उदासी ,तलब ,चाहत हाय..!! दिल का हारना-जीतना यह दल-बदल क्या शानदार लगता है .....

लोगों की सुनकर क्यों? मैं सिमट लूं अपनी ख्वाहिशों को , इस जालिम जमाने में मेहनत करने वाला किसी-ना-किसी को गुनहगार लगता है....

सब्र है मुझमें ..., एक दिन गुजर जाएगा यह बुरा वक्त भी मेरा, आसमान को छूने का सफर है मेरा .., क्योंकि सच्चा मुझे मेरा आत्मविश्वास लगता है .....!! सच्चा मुझे मेरा आत्मविश्वास लगता है

_____ जानकी कुंवर
27.1.23(12.15)
@jankikunwar23
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