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हाँ,मैं लिखता हूँ ✍️
हाँ,मैं लिखता हूँ ✍️
जीवन के श्रृंगार को
अंतरमन की आवाज को
आँसुओं की बहती धार को
प्यार को, तिरस्कार को
स्नेह को, विश्वाश को
समय के प्रहार को
सही और गलत के आधार को
हाँ मैं लिखता हूँ अपनी कविताओं में...
लोगों की आवाज को
वास्तविकताओं की संसार को|
© HindiKavitaOffical
#WritcoQuote #writco #writcoapp #writer
जीवन के श्रृंगार को
अंतरमन की आवाज को
आँसुओं की बहती धार को
प्यार को, तिरस्कार को
स्नेह को, विश्वाश को
समय के प्रहार को
सही और गलत के आधार को
हाँ मैं लिखता हूँ अपनी कविताओं में...
लोगों की आवाज को
वास्तविकताओं की संसार को|
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