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सोच कौन रहा है
महान कवि ' पवन कुमार सैनी 'के शब्द
"एक सोच रहा है कि दूसरे सोच रहे है
मेरे बारे में
दूसरे सोच रहे है की दूसरे सोच
रहे है मेरे बारे में
की उसने ये कारनामा कर के दिखाया
उसने ये किया
कि वो कितना मेहनती है सारे
दिन काम करता है
सब अपना अपना काम करके
करके यही सोच रहे है
मैं ऊपर से देख रहा हूँ
ये भी वही सोच रहा है
कि लोग सोच रहे है
और दूसरे भी यही सोच रहा है
कि लोग सोच रहे है
तो फिर सोच कौन रहा है
इनके बारे में
© pawan kumar saini
"एक सोच रहा है कि दूसरे सोच रहे है
मेरे बारे में
दूसरे सोच रहे है की दूसरे सोच
रहे है मेरे बारे में
की उसने ये कारनामा कर के दिखाया
उसने ये किया
कि वो कितना मेहनती है सारे
दिन काम करता है
सब अपना अपना काम करके
करके यही सोच रहे है
मैं ऊपर से देख रहा हूँ
ये भी वही सोच रहा है
कि लोग सोच रहे है
और दूसरे भी यही सोच रहा है
कि लोग सोच रहे है
तो फिर सोच कौन रहा है
इनके बारे में
© pawan kumar saini
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