इंसान हूँ ...सिर्फ चँद लम्हे जीता हूँ।
सबसे ज्यादा जरूरी काम आखिर में करता हूँ,
इंसान हूँ ...
सिर्फ चँद लम्हे जीता हूँ।
चाहता कुछ, करता कुछ और
मरता भी हूँ, बताने से डरता भी
ऐसे ही में जीता हूँ ।
जो कहना है उसे भी जीवन भर छुपाता हूँ,
इंसान हूँ किसी मजबुरी मे दब जाता हूँ।
चाँद तारों के...
इंसान हूँ ...
सिर्फ चँद लम्हे जीता हूँ।
चाहता कुछ, करता कुछ और
मरता भी हूँ, बताने से डरता भी
ऐसे ही में जीता हूँ ।
जो कहना है उसे भी जीवन भर छुपाता हूँ,
इंसान हूँ किसी मजबुरी मे दब जाता हूँ।
चाँद तारों के...