मर्द हैं इस नाम से हर बार उसे ठगा गया।
उस मर्द की शराफत का अंदाजा नहीं लगा सकते।
जिसने अपनो के लिए खुद को बेचा हो।
°°°°°°°°°°°°
क्या समझेगा कोई दर्द उसका ,जो हमेशा अपनो के लिए जीता हो।
अपने दर्द का आलम संभालकर रखता है ,मजाल है जो दर्द ...
जिसने अपनो के लिए खुद को बेचा हो।
°°°°°°°°°°°°
क्या समझेगा कोई दर्द उसका ,जो हमेशा अपनो के लिए जीता हो।
अपने दर्द का आलम संभालकर रखता है ,मजाल है जो दर्द ...