बस येही बात है
हर कदम पर मैं, अस्तित्व को देखा पर भी रुका नहीं,
जीवन की राहों में, खुद से आगे बढ़ा नहीं।
प्रतीक्षा के उदंड, संघर्षों का सामान,
हर कदम पर मैं, जीवन का इम्तिहान।
अपार ऊर्जा के साथ, आँधी बनकर उड़ा,
सफलता तो बहुत मिले, फिर भी अकेला खड़ा।
जिंदगी से लढ़ने चला था, बहुत पीछे रह गया।
अस्थियाँ मिलीं, दर्द मिला,बस...
जीवन की राहों में, खुद से आगे बढ़ा नहीं।
प्रतीक्षा के उदंड, संघर्षों का सामान,
हर कदम पर मैं, जीवन का इम्तिहान।
अपार ऊर्जा के साथ, आँधी बनकर उड़ा,
सफलता तो बहुत मिले, फिर भी अकेला खड़ा।
जिंदगी से लढ़ने चला था, बहुत पीछे रह गया।
अस्थियाँ मिलीं, दर्द मिला,बस...