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तेरे ख़यालों का नशा
तेरे ख़यालों का नशा मुझ पे छाया है,
हर पल तेरी ही यादों में खोई रहती हूँ।
मेरी आँखों में तेरा ही अक्स दिखता है,
हर लम्हा तुझे देखने ही तरसती रहती हूँ।
आँखों ही आँखों में ना जाने कितनी बातें कर लेता,
तेरे हर एक अन्दाज़ पे फिसलती रहती हूँ।
मुझे देखकर तेरा यूँ प्यार से मुस्कुरा देना,
हाये जान, इसी अदा पे तेरी मैं मरती हूँ।
वक़्त बेवक़्त सिर्फ़ तेरा ख़याल होता है,
तेरी आवाज़ सुनने को तड़पती रहती हूँ।
Nisha Sheth
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