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प्रेम और पीडा ( चतुर्थ भाग )
डाक्टर आहूजा के क्लिनिक से निकलते हुए कमल सोंच रहा था कि जो होना है होकर रहेगा सवाल ये है कि माधवी को बताए या नही और बताए तो कैसे बताए, अचानक से बोलना तो सही नही होगा, वो माधवी जो उसकी धडकनो से धडकती है.. वो माधवी जो अपने सांसों की डोर मेरी सांसों से बांधा हुआ है क्या सुन सकेगी.. क्या सह पाएगी कही ऐसा न हो कि मेरी सांसे टूटने से पहले वो शिथिल पड जाए, क्या करे कमल कैसे बताए माधवी को , घर की ओर बढते कदम अचानक से धर्म की आवाज से रूक गये , धर्म माधवी का भाई था वो लगातार कमल को आवाज दे रहा था पर कमल विचारों के उलझनो मे ऐसे उलझा था कि सुन नही पाया , धर्म अब बिलकुल पास आगया था कमल ,
कहाँ खोए हो ? कमल मैने कितनी आवाज लगाई तुमने सुना ही नही कुछ परेशान से लग रग रहे हो,
कहाँ से आ रहे हो ? सब ठीक है न?
हाँ हाँ सब ठीक है धर्म तुम बताओ घर पे सब लोग ठीक है न? हाँ कमल, पर तेरे चेहरे का रंग उडा हुआ क्यूँ है कुछ परेशानी है तो बताओ मुझे मै दोस्त हू पहले तुम्हारा साला बाद मे हूँ इसलिए जो परेशानी है खुलकर मुझसे कह सकते हो ।
कमल ने सोचा माधवी को बताने मे मुझे धर्म की सहायता लेनी चाहिए पर इसके लिए मुझे धर्म को सारी बातें बतानी होगी ।
धर्म चलो कही बैठते है वही बातें होगी, थोडी दूर पर ही काॅफी हाउस है चलो वही बैठते है।
दोनो काॅफी हाउस मे जब बैठे तो धर्म ने कहा कमल तुम आईने की तरह साफ दिल के हस्ती हो तुम्हारा अंदर बाहर सब समान है इसलिए मै साफ देख रहा हूँ कि तुम बहुत परेशान हो अब बताओ क्या बात है? क्या माधवी ने कुछ कहा है? या और कोई घरेलू परेशानी है??
नही नही धर्म माधवी ने कुछ नही कहा वो मुझे को ऐसी बात कह ही नही सकती जिससे मै परेशान हो जाउं।
फिर क्या बात है?? धर्म ने पूछा
धर्म जो बातें मै तुम्हे बताने जा रहा हूँ उसे सुनो और प्लीज मै क्या करू कैसे करूँ मुझे इस उलझन को सुलझाने मे मेरी मदद करो, कमल ने हाथ जोड दिए।
अरे यार ये क्यू कर रहे हो कमल , धर्म ने कमल के जुडे हुए हाथों को अपनी हथेलियों से पकडते हुए कहा, धर्म ने देखा कमल की पलकें गीली हो रही है
उसने कमल के कंधे पे हाथ रखते हुए कहाँ तुम नि:संकोच होकर कहो कमल..
जब कमल ने अपने रिपोर्ट के बारे मे धर्म को पूरी बात बताई तो धर्म के पैरो तले की जमीन धसती हुई सी लगी, मगर उसने जल्दी ही अपने को सम्भाला और पूछा कमल क्या माधवी को पता है ये सब ?
नही धर्म .. यही तो उलझन है मेरी बताउ या नही.. और कैसे बताउं वो पगली तो आज ही मर जायेगी।
कमल वो तुम्हारी पत्नी है, छुपाना ठीक नही है आखिर उसे जबतक पता नही होगा वो तुम्हारी देखभाल, खान पान सब कैसे कर सकेगी। कमल जब इश्वर दुख देता है तो सहने की शक्ति भी देता है
माधवी को भी शक्ति इश्वर ही देगे पर छुपाना बहुत बडी गलती होगी।
चलो घर चलो मै तुम्हारी मदद करूगा बताना तो तुम्हे ही होगा पर मै माधवी का बडा भाई हू इसलिए सम्भालने का काम मै करूगा और कमल तुम बुरा ही क्यूँ सोचते हो भगवान् पे भरोसा रखो
दोनो घर की ओर चल पडे ।