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ग़ज़ल --हुनर न सीखा
लफ़्ज़ों को गज़ल में पिरोने का हुनर ना सीखा
रदीफ-ओ-क़ाफिया में संजोने का हुनर ना सीखा
लिखते है हम अपनी ही धुन में कुछ इस तरह
के कभी क़ाफिया, रदीफ-ओ-बहर ना सीखा
अकेले ही ये ज़िंदगी का सफ़र कट जाएगा
मशगूल रहे और बना ले हमसफ़र,ना सीखा
काटते रहे दरख़्त की उसी डाल को बैठ कर
"इंसा" हैं ना,लगा ले कभी एक शज़र,ना सीखा
© shobha panchariya
#हुनर_न_सीखा
#writco
#quoteofmine
#ArtisticEmotions
रदीफ-ओ-क़ाफिया में संजोने का हुनर ना सीखा
लिखते है हम अपनी ही धुन में कुछ इस तरह
के कभी क़ाफिया, रदीफ-ओ-बहर ना सीखा
अकेले ही ये ज़िंदगी का सफ़र कट जाएगा
मशगूल रहे और बना ले हमसफ़र,ना सीखा
काटते रहे दरख़्त की उसी डाल को बैठ कर
"इंसा" हैं ना,लगा ले कभी एक शज़र,ना सीखा
© shobha panchariya
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#quoteofmine
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