" पिघलते रिश्ते......!! "
कुछ इस कदर खूबसूरत रिश्ते टूट जाया करते हैं ...,
जब दिल भर जाता है तो लोग रूठ जाया करते हैं ...,
आज इन बेवफाह दुनिया में रिश्तो का सिलसिला कुछ इस तरह बदल गया है ,
जरा- सी गलती पर आज ये रिश्ते "पिघल" जाया करते हैं .....!!
कोई गांठ खोल दो मेरे इन उलझे रिश्तो की,
मेरी जिंदगी का यह दम घोट रही है ...,
आज इंसान गलतफहमी में पैदा हुए सवालों के जवाब खुद बना रहा है ,
ना जाने क्यों ? इस तरह रिश्तो का विश्वास पिघल रहा है ...!!
बहुत अजीब से हो गए हैं यह रिश्ते आजकल ,
सब फुर्सत में है ,पर वक्त किसी के पास नहीं.....,
रिश्तो की उम्र लफ्ज़ ही तय करते हैं ,
खामोश रहकर पिघलते रिश्ते बचा लेना भी कुछ कम नहीं .....!!
आज इन नाजुक रिश्तो के जख्म इस तरह बढ़ रहे हैं ,
किसी को कुछ दिखता ही नहीं,
सब एक - दूसरे पर इल्जाम लगा रहे हैं , कैसे? कहे कौन है सही....
रिश्ते होते हैं जिंदगी में साथ...