तुम नहीं सुधरोगें
बहानों की खान से, एक नया बहाना बाहर आया, जब हमारे अजीज ने, तुम नहीं सुधरोगें यह फरमाया, आज फिर हमारा यकीं लडखड़ाया, थोड़ा सहमा फिर दुख से मुस्कराया, सोचा हम जहाँ...