खो गई जैसे परछाई रात में..
खो गई जिंदगी की भीड़ में
खामोश- सहती जिंदगी की पीड़ को..।
उलझी हुई दुनिया की रीत में,
खो गयी पहचान....
,,जैसे परछाई रात...
खामोश- सहती जिंदगी की पीड़ को..।
उलझी हुई दुनिया की रीत में,
खो गयी पहचान....
,,जैसे परछाई रात...