...

8 views

रंग दुनिया के...🌼

शुरू से
सब कुछ शुरू करना
आसान नहीं होता
चाहे ज़िंदगी की ज़िद्द हो
या मरने की ख़्वाहिश ...

पता नहीं
कुछ बेहतर मिल रहा है
इंसान को
या फिर;
जो था, वो भी खो रहा है
समझ की कमी है
या फिर
वक़्त की आज़माईश ...

क्यों रेत जैसे फिसलकर
हाथ से निकल छूट जाते हैं
रिश्ते हैं या
मजबूरियाँ हैं
इंसानों की ?
या ज़िंदगी में
तकलीफ़
बनाए रखने की ये साज़िश...

अपना हर फ़ैसला सही,
दूसरों का
सोचना भी गलत
ऐसी कैसी समझ है?
सोचने के तरीके दिए
महसूस करने की
भी ताकत दी है...
सोच समझकर ही,
आसमां से ज़मीन पर फैंक दे
ऐ मालिक !
ऐसी कैसी है
दुनिया की ये नवाज़िश ...

🍂
© संवेदना