...

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🍂 रोहिड़े_रा_फूल 🍂
कदै देख्यां थार आला, गुलाबां री गुलाबी,
अर चम्पा-चमेली री सुगंध,
म्हैं तो देख्या, रोहिड़ा रा राता-राता फूल !

रेतीली भूमि मायं, सूखो तप सेवता,
रेगिस्तान रो श्रृंगार, नारंगी-केसरिया रंगा री भरमार,
आपा रो राज-पुष्प, पूठरो रोहिड़े रो फूल !

फैलावै थार माहिती, रंगा री आस,
रोही रो करै केसरियो सिंगार,
तावड़ा म चिलके ओ आतरै स्यूं, ज्यूं पीली-राती फुहार,
राजस्थान रो हिवड़े रो हार, आपां रो रोहिड़े रो फूल !

हुवै कदै-कदै घणौ एफसोस, बीत गी पेला आली बातां,
कठै दिखे एब टेसूडो रै फूलां ज्यूं रातै रंग री चादरां,
न बां रोहिड़ा ऊपरली बुलबुल री बाणी,
दीसै धंसता धोरा अर घटता रोहिड़ा,
उणरै माथलां छिदा-माड़ा रोहिड़ा रा फूल !!

©Mridula Rajpurohit ✍️
🗓️ 19 August, 2021
© All Rights Reserved

🔑 #रोहिड़े_रा_फूल
कदै=कब, देख्यां=देखे, थार आला=रेगिस्तान वाले लोग, अर =और, राता-राता=लाल-लाल, मायं=में, सेवता=सहन करते, आपा रो= अपना, पूठरो=सुंदर, रो=को, माहिती= में, रोही=रेगिस्तान, सिंगार=श्रृंगार, तावड़ा म= धूप में, चिलके=चमकें, आतरै स्यूं=दूर से, हुवै=होता है, कदै-कदै=कभी-कभी, घणौ=बहुत, एफसोस=अफसोस,पेला आली=पहले वाली, टेसूडो=पलाश, ऊपरली=ऊपर वाली, दीसै=दिखते है, धंसता धोरा= धंसते रेत टीले, उणरै=उसके, माथलां=ऊपर वाले, छिदा-माड़ा=थोड़े-बहुत ।