बुझा चिराग
क्यों बुझा चिराग चमन का,हैं किसने आग लगाई ?
शोर मचा हैं चारों ओर पर कुछ देता ना दिखाई,
लोग हो गए गूंगे बहरे हैं,
जो बचे उनपर भी पहरे हैं,
अपने लालच,स्वार्थ के लिए वतन की साख गिराई,
क्यों बुझा चिराग चमन का,हैं किसने आग लगाई ?
हर फूल मुरझाया,पत्ता तक सूख गया,
बहार ख़िज़ां हुई,हवा का उल्टा रुख हुआ,
उजाड़ना ही था गुलिस्तां को जब माली ने ज़हर फैलाई,
क्यों बुझा चिराग चमन का,हैं...
शोर मचा हैं चारों ओर पर कुछ देता ना दिखाई,
लोग हो गए गूंगे बहरे हैं,
जो बचे उनपर भी पहरे हैं,
अपने लालच,स्वार्थ के लिए वतन की साख गिराई,
क्यों बुझा चिराग चमन का,हैं किसने आग लगाई ?
हर फूल मुरझाया,पत्ता तक सूख गया,
बहार ख़िज़ां हुई,हवा का उल्टा रुख हुआ,
उजाड़ना ही था गुलिस्तां को जब माली ने ज़हर फैलाई,
क्यों बुझा चिराग चमन का,हैं...