14 views
यह जिंदगी क्या थी और कहां चली गई
बेफिक् थे ,, थोड़ा नादान,,मासूमियत से
भरपुर पर एक साधारण सा दिल
सच्चाई मन में,,होठों में मुस्कान बांटते चले गए,,पर क्या मालूम था हाथ लग जाएगी निराशा दुख तकलीफ,,पर फिर भी हार न मानी,,चलते गए,,कांटो की चुभन पैरों चुभी ,,असहनीय दर्द से कमजोर हुऐ इरादे,,फिर भी चलते गए,,कभी धूप की गर्मी कभी बरसात की आंधी,,
जिंदगी का यह सफर तय करते गए
सौ दर्द में भी हंसते रहे,, मुस्कुराते रहे,, खुशियां बांटते रहे,,जिंदगी का नाम है चलना यही जिंदगी है,,रुका हुआ पानी भी सड़ जाता है ,,चलती का नाम जिंदगी,,
भरपुर पर एक साधारण सा दिल
सच्चाई मन में,,होठों में मुस्कान बांटते चले गए,,पर क्या मालूम था हाथ लग जाएगी निराशा दुख तकलीफ,,पर फिर भी हार न मानी,,चलते गए,,कांटो की चुभन पैरों चुभी ,,असहनीय दर्द से कमजोर हुऐ इरादे,,फिर भी चलते गए,,कभी धूप की गर्मी कभी बरसात की आंधी,,
जिंदगी का यह सफर तय करते गए
सौ दर्द में भी हंसते रहे,, मुस्कुराते रहे,, खुशियां बांटते रहे,,जिंदगी का नाम है चलना यही जिंदगी है,,रुका हुआ पानी भी सड़ जाता है ,,चलती का नाम जिंदगी,,
Related Stories
25 Likes
6
Comments
25 Likes
6
Comments