बस इतनी सी है ख्वाइश।।।।
बस इतनी सी है ख़्वाहिश मेरी,
वो इक शायर की मोहब्बत हो जाये,
मैं रोज़ सुनाऊँ इक शे'र उसे,
वो मेरी मीठी गज़ल हो...
वो इक शायर की मोहब्बत हो जाये,
मैं रोज़ सुनाऊँ इक शे'र उसे,
वो मेरी मीठी गज़ल हो...