खुदा मुझसे मां की मोहब्बत ना छीने
खुदा मुझसे मां की मोहब्बत ना छीने
अगर छीन ना है जहां छीन ले वो
जमींन छीन ले आसमा छीन ले वो
मेरे सर से बस एक ये छत ना छीने
खुदा मुझसे मां की मोहब्बत ना छीने
अगर मां ना होती ज़मीन पर ना आता
जो आंचल ना होता तो कहा सर छुपाता
मेरा लाल कह कर बुलाती है मुझको
के खुद भूखी रहकर खिलाती है मुझको
ये दामन मेरा चाहे नम कर दे जितना
वो बस आज मुझ पर करम कर दे इतना
जो मुझ पर हुई है इनायत...
अगर छीन ना है जहां छीन ले वो
जमींन छीन ले आसमा छीन ले वो
मेरे सर से बस एक ये छत ना छीने
खुदा मुझसे मां की मोहब्बत ना छीने
अगर मां ना होती ज़मीन पर ना आता
जो आंचल ना होता तो कहा सर छुपाता
मेरा लाल कह कर बुलाती है मुझको
के खुद भूखी रहकर खिलाती है मुझको
ये दामन मेरा चाहे नम कर दे जितना
वो बस आज मुझ पर करम कर दे इतना
जो मुझ पर हुई है इनायत...