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ज़िन्दगी का रूपक
ज़िन्दगी का रूपक, जैसे एक बहती नदी,
कभी शांत, तो कभी मचलती है।
रास्ते में आती हैं कई अड़चनें,
फिर भी यह अपनी मंजिल तक पहुँचती है।

ज़िन्दगी का रूपक, जैसे एक किताब,
हर पन्ने पर एक नई कहानी लिखी होती है।
कभी हँसी, कभी आँसू, कभी खुशी,
हर पल में एक नई रहस्यमयी कहानी बसी होती है।

ज़िन्दगी का रूपक, जैसे एक सफर,
जहाँ मंजिल से ज्यादा रास्तों का महत्व होता है।
हर मोड़ पर नए अनुभव मिलते हैं,
हर कदम पर नई सीख छिपी होती है।

ज़िन्दगी का रूपक, जैसे एक बाग का फूल,
जो खिलता है, महकता है, और मुरझा जाता है।
हर पल कीमती है, हर लम्हा खास है,
ज़िन्दगी का यह रूपक हमें जीने का सलीका सिखाता है।