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परिश्रम की आग
बचपन पैसों की तंगी में कटे या अमीरी में
जवानी परिश्रम की आग झोंक देना तुम
जो सपना देखा हे तुमने उस मंजिल तक पहुंचना जरूर
दुसरो की मदद के लिए मंजिल पाकर भले ही उसे त्याग देना तुम
संघर्ष के दिनों समाज से तो ताने मिलेंगे ही अपने ही सफलता मिलने न मिलने पर संदेह जताएँगे
तब भी खुद का फैसला ले कर उसकी जिम्मेदारी उठाते हुए आगे बढ़ जाना तुम
K(Q)itabo ke seher se Hukum is now हिसाब -ए कलम
© हिसाब-ए- कलम
जवानी परिश्रम की आग झोंक देना तुम
जो सपना देखा हे तुमने उस मंजिल तक पहुंचना जरूर
दुसरो की मदद के लिए मंजिल पाकर भले ही उसे त्याग देना तुम
संघर्ष के दिनों समाज से तो ताने मिलेंगे ही अपने ही सफलता मिलने न मिलने पर संदेह जताएँगे
तब भी खुद का फैसला ले कर उसकी जिम्मेदारी उठाते हुए आगे बढ़ जाना तुम
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