कुछ बातें सच्चाई से…..
चलने को तैयार हूँ,
लेकिन लोग कहते हैं मैं बीमार हूँ |
इन्सान का बच्चा हूँ लेकिन,
लोग कहते हैं मैं जन्म से बेकार हूँ |
कैसी यह तैयारी हैं,
सबकी मानसिकता में आ गई कोई बीमारी है |
क्यो सोच सबकी बदली है,
लेकिन समस्या कहाँ पर आकर अटकी है |
अनजान हैं लोग सब,
जिंदगी के शिखर पर जाने वाले रास्ते से |
मुमकिन हैं भटक जाते हैं लोग अक्सर,
सच्चाई वाले रास्ते से |
कुदरत ने भी अजीब जाल,
बिछा कर रखा हमें माया को दिखा कर |
कुछ लोग ही...