जिंदगी की जंग
जहां रात की छाया गहरी हो, वो सेवरे को नहीं छुपा सकता
अगर सुकून सवेरे में हो, तो रातों को भी बुलाया नहीं जा सकता।
जब जेब में मेरे माया हो, तो दिल भय में क्यों नहीं खो सकता
जब माया नवाबी हो, तो कोई उसे ज्यादा देर तक ढो नहीं सकता।
जब ख्वाब पुराने हो, उसके बिन कोई चैन नहीं पा सकता
जब आलस में 11वीं हो, तो कोई मंजिल को खो क्यों नहीं सकता।।
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अगर सुकून सवेरे में हो, तो रातों को भी बुलाया नहीं जा सकता।
जब जेब में मेरे माया हो, तो दिल भय में क्यों नहीं खो सकता
जब माया नवाबी हो, तो कोई उसे ज्यादा देर तक ढो नहीं सकता।
जब ख्वाब पुराने हो, उसके बिन कोई चैन नहीं पा सकता
जब आलस में 11वीं हो, तो कोई मंजिल को खो क्यों नहीं सकता।।
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