hum tum
दूर रहकर भी जो समाया है,
मेरी रूह की गहराई में,
पास वालों पर वो शख्स,
कितना असर रखता होगा।
रिवाज तो यही है दुनिया का
मिल जाना बिछड़ जाना,
तुम से ये कैसा रिश्ता है
न...
मेरी रूह की गहराई में,
पास वालों पर वो शख्स,
कितना असर रखता होगा।
रिवाज तो यही है दुनिया का
मिल जाना बिछड़ जाना,
तुम से ये कैसा रिश्ता है
न...